घूमते रहेंगे यहां वहां, अपने ही देश में शरणार्थी बन कर। घूमते रहेंगे यहां वहां, अपने ही देश में शरणार्थी बन कर।
वो बेचारा आधी रात को सब छोड़ छाड़ के आया है। वो बेचारा आधी रात को सब छोड़ छाड़ के आया है।
जब पास में होंगे सब अपने, आशा के दीप जलाऊंगा हर रोज़ मेरी होगी होली, दीवाली रोज़ मनाऊंगा जब पास में होंगे सब अपने, आशा के दीप जलाऊंगा हर रोज़ मेरी होगी होली, दीवाली रोज़ ...
जानवर इंसान बन गया या जानवर में इसान जिंदा हो रहा। जानवर इंसान बन गया या जानवर में इसान जिंदा हो रहा।
हर वो शख्स फरिश्ता हो सकता है जो जानता देना.... कभी कंधा। हर वो शख्स फरिश्ता हो सकता है जो जानता देना.... कभी कंधा।
सोने की चिडिया क्यो है आज कर्ज के बोझ तले. सोने की चिडिया क्यो है आज कर्ज के बोझ तले.